top of page

मुझे न तो मृत्यु का भय है

Sep 13

2 min read

0

0

0

·         I have burnt emails, phones, business, career, employment, recruitment, salary, minimum wage, tax, mobiles, internet, electricity, gas, water, food, laptops, remote connectivity, lifts, buildings, residential buildings, commercial buildings, data centres, Reserve banks and currencies, corruption, data, computing, contractors, suppliers, tenders, bidding, auctions, debt, life science, innovation, physics, chemistry, biology, biotechnology, science, cancers, infectious and non-infectious diseases on earth in Yagna in January 2023

·         I have submerged Sydney, Perth, Melbourne, Adelaide, Brisbane, Canberra, Hobart and Australia in Yagna in January 2023

·         I have bankrupted and submerged BGIS, Shell, BHP, Rio Tinto, Fortescue, Rinehart, Woodside, Oil, Gas and Mining, Critical Minerals, Gold, Silver, Iron Ore, Wesfarmers, AMP, GPT, Goodman, Dexus, Charter Hall, Macquarie, CBA, ANZ, NAB, Westpac, RBA, CBRE, JLL, Knight Frank, Colliers, Australian governments, and  27 million Australians in Yagna in January 2023.

·         I have turned every grain of Australian, UK, Canadian, NZ, USA and European land into dry, infertile unsustainable for any life in Yagna in January 2023

·         I have turned every grain of Mexico, South American, African and the Middle Eastern land into dry, infertile unsustainable for any life in Yagna in January 2023

·         I have submerged Singapore, Taiwan, China, Japan, South Korea, North Korea, Malaysia, Philippines, Khalistan, Jammu and Kashmir, Pakistan, Bangladesh, Sri Lanka, Nepal, Bhutan and Afghanistan in Yagna in January 2023

·         I want absolute eternal peace and absolute eternal prosperity on every grain of my beloved earth from June 2024.

·         I will create absolute eternal peace and absolute eternal prosperity on every grain of my beloved earth from June 2024.

 

 मैं न तो मन हूँ, न बुद्धि हूँ, न अहंकार हूँ, न ही चित्त हूँ

मैं न तो कान हूँ, न जीभ हूँ, न नासिका हूँ, न ही नेत्र हूँ

मैं न तो आकाश हूँ, न धरती हूँ, न अग्नि हूँ और न ही वायु हूँ

मैं तो शुद्ध चेतना हूँ, अनादि, अनंत शिव हूँ|

 

मैं न तो प्राण हूँ और न ही पंच वायु हूँ

मैं न सात धातुं हूँ,

और न ही पांच कोश हूँ

मैं न वाणी हूँ, न पैर हूँ, न हाथ हूँ और न ही उत्सर्जन की इन्द्रियां हूँ

मैं तो शुद्ध चेतना हूँ, अनादि, अनंत शिव हूँ|

 

न मुझमे घृणा है, न ही लगाव है, न मुझे लोभ है और न ही मोह

न मुझे अभिमान है और न ही ईर्ष्या

मैं धर्म, धन, काम एवं मोक्ष से परे हूँ

मैं तो शुद्ध चेतना हूँ, अनादि, अनंत शिव हूँ|

 

मैं पुण्य, पाप, सुख और से भिन्न हूँ

मैं न मंत्र हूँ, न ही तीर्थ हूँ, न ज्ञान हूँ और न ही यज्ञ हूँ

न मैं भोगने की वस्तु हूँ, न ही भोग का अनुभव हूँ, और न ही भोक्ता हूँ

मैं तो शुद्ध चेतना हूँ, अनादि, अनंत शिव हूँ|

 

मुझे न तो मृत्यु का भय है, न ही किसी जाती से भेदभाव है

मेरा न तो कोई पिता है और न ही माता, न ही मैं कभी जन्मा

मेरा न तो कोई भाई है, न मित्र, न शिष्य और न ही गुरु

मैं तो शुद्ध चेतना हूँ, अनादि, अनंत शिव हूँ

 

 मैं निर्विकल्प हूँ, मैं निराकार हूँ

मैं चैतन्य के रूप में प्रत्येक स्थान पर व्याप्त हूँ, सभी इन्द्रियों में मैं हूँ

मुझे न किसी चीज़ में आसक्ति है और न ही मैं उससे मुक्त हूँ

मैं तो शुद्ध चेतना हूँ, अनादि, अनंत शिव हूँ|

 

 

मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे

न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोश:

न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव:

न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदार् न यज्ञा:

अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम्

न मे मृत्यु शंका न मे जातिभेद:पिता नैव मे नैव माता न जन्म:

न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्

न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

Comments

Commenting has been turned off.
bottom of page